मुसलमानों का भाईचारा और सोच

पाकिस्तान में रह रहे 20 लाख से अधिक अफगानिस्तान के मुसलमानों को पाकिस्तान सरकार ने 31 अक्टूबर 2023 तक पाकिस्तान छोड़ देने के लिए कहा था। ये अफगानी मुसलमान पाकिस्तान में कई पीढ़ियों से रह रहे थे। इनको अब जबरन कार्यवाही करते हुए पाकिस्तान से बाहर निकाला गया। इनके घरो को बुलडोजर से तोड़ा गया।  इनके सम्पत्तियों को लूटा गया। इनके रूपये छीने गये। पाकिस्तान के सभी मुसलमान इनको बाहर निकालने जाने का समर्थन कर रहे है। पुरी दुनियां के मुसलमान इस पर चुप है, कुछ नही बोल रहे। ये है मुसलमानों के साथ मुसलमानों का भाईचारा। 

भारत में 5 करोड़ से ज्यादा दुसरे देशों के मुस्लमान अवैध घुसपैठिये के रूप में भारत में रहे है। ये भारत में होने वाले बहुत से अपराधों, दंगो और मुस्लिम आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहते है। इनको जब भारत से बाहर निकालने की बात होती है और कोई कार्यवाही होती है तो भारत के मुसलमान इन अवैध घुसपैठिये मुसलमान के समर्थन में हंगामा करने लगते है। ये है मुसलमानो का इस्लामिक जेहादी भाईचारा।

पुरी दुनियां में 85% शरणार्थी मुसलमान है। दुनिया में 57 इस्लामिक देश है, लेकिन इन सभी मुस्लिम शरणार्थियों को कोई भी इस्लामिक देश शरण नही देता है। ये है मुसलमानों के साथ मुसलमानों का भाईचारा। 

मुस्लिम शरणार्थी गैर इस्लामिक देशो में शरण लिए है और ये अधिकांश मुसलमान इस्लामिक देशो से ही भाग कर शरणार्थी बने है। इस्लामिक देशो में मुसलमान विभिन्न इस्लामिक मान्यताओं और मुस्लिम जाति के नाम पर आपस में ही लड़ते है और हिंसा करते है। दुनिया के जिन देशो में मुसलमानों की संख्या अधिक हो गयी है वहां मुसलमान इस्लाम के नाम पर दूसरे धर्म और सम्प्रदाय के लोगों के साथ हिंसा कर रहे है तथा जिस देश में शरणार्थी मुसलमान शरण लिए अब उसी देश के लिए समस्या बन गये है और वहां के लोगों से इस्लाम के नाम पर लड़ रहे है तथा ये देश अब  इस्लामिक आतंकवाद से पीड़ित है। 

यहूदी देश इजराइल और इस्लामिक देश फिलिस्तीन के गाजा के मुस्लिम संगठन हमास के बीच युद्ध में फिलिस्तीनी गाजा के मुसलमानों के लिए सभी इस्लामिक देशों ने अपनी सीमाएं बंद कर रखी है और कोई भी इस्लामिक न शरण दे रहा है न कोई सहायता कर रहा है। ये है मुसलमानों के साथ मुसलमानों का भाईचारा। 

फिलीस्तीन के गाजा के मुस्लिम संगठन हमास द्वारा इजराइल पर  मुस्लिम आतंकवादी हमले के हैवानियत के बाद इजराइल ने हमास के साथ युद्ध का ऐलान किया और इस युद्ध में इस्लामिक देशो सहित दुनिया के सभी देशों के मुसलमानो ने हमास के मुस्लिम आतंकवादी हमले के हैवानियत की निंदा न करते हुए इस्लाम के नाम पर हमास के समर्थन में धरना, प्रदर्शन, और आंदोलन कर रहे है और नमाज में हमास के जीत की दुआ कर रहे हैं। ये है मुसलमानों का इस्लामिक जेहादी भाईचारा। 

चीन में रह रहे उइगर मुसलमानों पर चीन द्वारा किये जाने वाले अत्याचार और उत्पीड़न के विषय में पूरी दुनिया के इस्लामिक देश और मुसलमान जानते है। चीन में उइगर मुसलमानों के घरो के पुरूषों को चीन की सरकार जेलों में डाल देती है और उइगर मुसलमानों का नस्ल सुधारने के लिए उइगर मुस्लिम महिलाओं के साथ गैर मुस्लिम चीनी नागरिकों द्वारा अवैध संबंध बनवाया जाता है। मुसलमान कुरान को अपने पैगंबर मुहम्मद द्वारा अल्लाह की देन मानते है और इसमें कोई परिवर्तन उन्हें स्वीकार्य नही होता है, लेकिन चीन की सरकार ने चीन में अपने हिसाब से नई कुरान लिखा है। चीन में मुसलमानों के लिए मुस्लिम भेषभूसा और तौर तरीकों पर प्रतिबंध है, लेकिन पुरी दुनियां का कोई भी इस्लामिक देश और मुसलमान चीन द्वारा उइगर मुसलमानों पर किये जाने वाले अत्याचार और उत्पीड़न के विरूद्ध आवाज नही उठाता है, क्योंकि पाकिस्तान, इरान सहित कई मुस्लिम इस्लामिक देशो का चीन दोस्त है। ये है मुसलमानों का मुसलमानों के साथ भाईचारा। 

मुसलमान आपस में भले ही लड़े लेकिन मुसलमानों का सोच और मुख्य उद्देश्य दुनिया के सभी देशो को इस्लामिक देश बनाना है। इसलिए यह सब कुछ मुसलमानों द्वारा एक साजिश के तहत किया जाता है। 

   ___राजेश मिश्रा_

Comments