क्या है नाथूराम गोडसे और मोहनदास करमचंद गांधी की सच्चाई?
नाथूराम गोडसे और मोहनदास करमचंद गांधी की सच्चाई —
नाथूराम गोडसे के संदर्भ में जब भी कोई बात होती है तो नाथूराम गोडसे का वास्तविक पक्ष नही रखा जाता है।
*कानून के परिपेक्ष्य में नाथूराम गोडसे को मोहनदास करमचंद गांधी का हत्यारा कहा जा सकता है, लेकिन नाथूराम राम गोडसे आतंकवादी, देशद्रोही और गद्दार नही थें। नाथूराम गोडसे अखंड भारत प्रेमी और महान महान राष्ट भक्त थे।
*मोहनदास करमचंद गांधी धर्म के आधार पर मुसलमानों के लिए भारत को बांट कर अलग इस्लामिक राष्ट पाकिस्तान के समर्थक और मुस्लिम परस्त थे, जबकि नाथूराम गोडसे भारत के बंटवारे के विरोधी और अखंड भारत के समर्थक थे।
*मोहनदास करमचंद गांधी को भारत के बंटवारे और इस बंटवारे में मुसलमानों द्वारा लाखो हिन्दूओं की हत्या, हिन्दूओं के साथ लूट-पाट, हिन्दू धर्म स्थलों को तोड़ने, हिन्दूओं की सम्पत्तियों पर कब्जा और हिन्दू महिलाओं के साथ बलात्कार और अपहरण पर कोई दुःख नही था। जबकि नाथूराम गोडसे भारत के बंटवारे से दुःखी और आक्रोशित थे और भारत के बंटवारे में मुसलमानों द्वारा लाखो हिन्दूओं की हत्या, हिन्दूओं के साथ लूट-पाट, हिन्दू धर्म स्थलो को तोड़ने, हिन्दूओं के सम्पत्तियों पर कब्जा और हिन्दू महिलाओं के साथ बलात्कार और अपहरण से आहत थे।
*मोहनदास करमचंद गांधी भारत के बंटवारे के बाद पाकिस्तान के पक्ष में पश्चिमी पाकिस्तान और पुर्वी पाकिस्तान को जोड़ने के लिए भारत के बीच से एक गलियारे के रूप में भारत के जमीन का एक बहुत बड़ा हिस्सा देना चाहते थे, भारत और पाकिस्तान के बीच सम्पत्ति के बंटवारे में पाकिस्तान की बातो का समर्थन करते थे तथा मुसलमानों और पाकिस्तान के बातो के समर्थन में अनशनरत हो जाया करते थे और बार-बार इसकी धमकी देते थे। मोहनदास करमचंद गांधी ने अपने मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण भारत के हितो और हिन्दूओं के भावनाओं की कभी कद्र नही की, जबकि नाथूराम गोडसे के लिए अखंड भारत राष्ट्र सर्वोपरि था और सभी के भावनाओं के लिए समानता थी। मोहनदास करमचंद गांधी के निर्णयों से नाथूराम गोडसे बार-बार आहत हुए।
*नाथूराम गोडसे का मानना था कि मोहनदास करमचंद गांधी का अहिंसा हिन्दूओं के लिए छलावा है। द्वितीय विश्वयुद्ध में मोहनदास करमचंद गांधी द्वारा भारत के सैनिकों से अंग्रेजों के तरफ से युद्ध करने के लिए आग्रह करना कौन सा अहिंसा का दर्शन है। मुस्लमानों द्वारा लाखो हिन्दूओं की हत्या, हिन्दूओं के साथ लूट-पाट, हिन्दु धर्म स्थलो को तोड़ने, हिन्दूओं के सम्पत्तियों पर कब्जा करने, हिन्दू महिलाओं के साथ बलात्कार और अपहरण पर मोहनदास करमचंद गांधी की अहिंसा मौन क्यो थी और यह अहिंसा आहत क्यों नही हुयी?
*मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या का परिणाम नाथूराम गोडसे जानते थे, फिर भी नाथूराम गोडसे ने मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या का निर्णय लिया और अखंड भारत के सपने के साथ भारत के हितों और हिन्दूओं की आहत भावनाओं के लिए अपना बलिदान दे दिया।
___राजेश मिश्रा_
Right
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