खतरनाक मुस्लिम मानसिकता
मुसलमानों द्वारा इस्लाम के नाम पर आतंक, दहशत, हिंसा, हत्या, बलात्कार, लूटपाट, आगजनी, और पत्थरवाजी की जाती है, और कुछ लोग इस्लाम को शांति, एकता, मुहब्बत और भाईचारे तथा महिलाओं का सम्मान करने वाला मजहब बताकर दुसरे को भ्रमित करने, मुर्ख बनाने और धोखा देने का कार्य करते है। दुनिया में कहीं भी कोई मुसलमान इस्लाम के नाम पर कोई कुकृत्य और हैवानियत और करता है तो कौम और मजहब के नाम पर दुसरे मुसलमान उसका समर्थन करने लगते है।
अभी कुछ दिनो पहले मुस्लिम संगठन हमास ने यहूदी देश इजराइल में घुसकर निर्ममता से नरसंहार किया। हमास ने महिलाओं और बच्चियों को उसके मां-बाप, भाई-बहन, पति और रिश्तेदारों के सामने नंगा करके दरिंदगी किया, बलात्कार किया, नंगा सड़कों पर घुमाया और इनकी हत्या किया। हमास ने इजराइल के निर्दोष पुरूषों, महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और बिमार लोगों की बर्बरता से हत्या किया। हमास द्वारा इनकी आंखे निकाली गयी, अगूंलियों को काटा गया, गला काटा गया, आग में भूना गया, बम से उड़ा दिया गया। हमास द्वारा इजराइलियों के घरो में लूटपाट की गयी और आग लगा दिया गया। हमास ने इजराइल में लगभग 1400 से अधिक लोगों की हत्या किया और लगभग 200 से अधिक लोगों को बंधक बनाया। हमास ने इजराइल में क्रूरता और हैवानियत की सारी सीमाओं को तोड़ दिया, लेकिन दुनिया के दुसरे मुसलमानों ने हमास के कुकृत्यों और हैवानियत की निंदा न करते हुए कौम और मजहब के नाम पर हमास का समर्थन किया। जब इजराइल ने हमास के विरुद्ध कार्यवाही शुरू की तो दुनिया के सभी देशों के मुसलमान इजराइल के विरोध में और कौम और मजहब के नाम पर हमास के समर्थन में धरना, प्रदर्शन और आंदोलनों कर रहे है।
कुछ बर्षो पहले फ्रांस में एक शिक्षक ने पैगंबर मुहम्मद साहब का कार्टून बना दिया तो एक मुस्लिम छात्र ने उस शिक्षक का गला काट कर हत्या कर दिया। फ्रांस सरकार ने जब इसके विरूद्ध कार्यवाही की तो फ्रांस सहित दुनिया के सभी देशों के मुसलमान कौम और मजहब के नाम पर मुस्लिम हत्यारे के समर्थन में धरना, प्रदर्शन और आंदोलन करने लगें। भारत में मशहूर चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन ने हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान जनक तश्वीर बनाया, लेकिन भारत का मुसलमान चुप रहा।
भारत में मुस्लिम आक्रान्ताओं ने इस्लाम के नाम पर हमला करके हजारों मंदिरों को तोड़ा, लूटा और इनको मस्जिदों में परिवर्तित कर दिया, निर्दोषों पुरूषों, महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों की हत्या किया, महिलाओं को जबरन बंधक बनाया, महिलाओं का बलात्कार किया और जबरन हिन्दूओं का धर्म परिवर्तन कराया। भारत का मुसलमान मुस्लिम आक्रान्ताओं और लुटेरों तथा हिन्दूओं पर अत्याचार और हिन्दूओं के साथ हैवानियत करने वाले मुस्लिम शासकों की निंदा कभी नही करता और इनको अपना आदर्श मानता है।
भारत में आजादी के आंदोलन के समय जब अग्रेजों ने तुर्की में खलीफा ब्यवस्था अर्थात इस्लामिक शरिया शासन ब्यवस्था को खत्म कर दिया तो भारत में मुसलमानों ने तुर्की के खलीफा के समर्थन में खिलाफत आंदोलन शुरू किया और गांधी जी के सामने यह शर्त रखी कि यदि गांधी जी मुसलमानों के खिलाफत आंदोलन में मुसलमानों का साथ देगें तभी मुसलमान गांधी जी का भारत के आजादी के आंदोलन में साथ देगा। इसलिए गांधी जी ने भारत में मुसलमानों के खिलाफत आंदोलन में मुसलमानों का साथ दिया। भारत में आजादी के आंदोलन के समय तुर्की के मुस्लिम खलीफा के लिए भारत में खिलाफत आंदोलन का कोई औचित्य नही था, लेकिन कौम और मजहब के नाम पर भारत में मुसलमानों द्वारा तुर्की के खलीफा के लिए खिलाफत आंदोलन चलाया गया।
मजहब के नाम पर मुसलमानों द्वारा भारत को बांटने के लिए हिंसा की गयी। भारत के मुसलमान चाहते थे कि उनके लिए एक नया इस्लामिक राष्ट पाकिस्तान बने। उस समय के भारत के मुसलमानों ने हिन्दुओ के साथ रहने से मना कर दिया था। उस समय के मुस्लिम नेताओं का कहना था कि हिन्दू और मुस्लिम दो अलग-अलग विचारधारायें है, इसलिए हिन्दू और मुस्लिम एक साथ नही रह सकते है। जब भारत का बंटवारा मजहब के नाम पर करके मुसलमानों के लिए नया देश पाकिस्तान बना तो पाकिस्तान बनने के बाद पाकिस्तान में पुर्वी पाकिस्तान जो अब बंग्लादेश है और पश्चिमी पाकिस्तान जो अब केवल पाकिस्तान है इस संयुक्त पाकिस्तान में लगभग 5.05 करोड़ मुसलमान और लगभग 95 लाख हिन्दू और अन्य गैर मुस्लिम थे तथा भारत में लगभग 3.30 करोड़ मुसलमान रह गये। फिर इस बंटवारे का औचित्य क्या था? जो मुसलमान भारत में रह गये वो आज भारत को इस्लामिक राष्ट बनाना चाहते हैं और इसके लिए भारत के खिलाफ साजिश करते है। भारत को बांट कर पाकिस्तान बनाने में लगभग 30 लाख से अधिक हिन्दूओं की हत्या मुसलमानों के द्वारा हुयी, मुसलमानों द्वारा हजारों हिन्दू महिलाओं का बलात्कार किया गया, हजारों हिन्दू मंदिरों को मुसलमानों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया और कब्जा कर लिया गया, हिन्दूओं के सम्पत्तियों को लूटा गया तथा कब्जा कर लिया गया और हिन्दूओं के घरो और दुकानों में आग लगा दिया गया। पाकिस्तान और बांग्लादेश में जो हिन्दू और गैर मुस्लिम रह गए उनका उत्पीड़न और अत्याचार लगातार होता रहा है, जबरन उनको धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता रहा है और हिन्दूओं और गैर मुस्लिमों की लड़कियों को जबरन अपहरण करके मुसलमानों द्वारा शादी कर ली जाती है। यहां से अधिकांश हिंदूओं ने भागकर भारत में शरण ले लिया है। अब पाकिस्तान में लगभग 1.2% से कम और बांग्लादेश में लगभग 7% से कम हिन्दू और गैर इस्लामिक जातियां बचीं है। लेकिन भारत से कोई भी मुसलमान भाग कर कहीं नही गया।
भारत में मुस्लिम देश पाकिस्तान द्वारा हमेशा आतंकवाद फैलाया जाता रहा है, और इस आतंकवाद में निर्दोष लोगों की हत्याएं होती है। काश्मीर में आतंकवाद का कारण पाकिस्तान है। भारत इस्लामिक आतंकवाद का शिकार है और हमेशा इससे पीड़ित रहा है। भारत जब आतंकवाद के विरुद्ध पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाता है और कोई कार्यवाही करता है तो भारत के मुस्लिम नेता और मुसलमान पाकिस्तान से हमदर्दी रखते है और पाकिस्तान से बातचीत करके मामला सुलझाने की बात करते है। भारत का मुसलमान भारत में पाकिस्तान के इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ कोई धरना, प्रदर्शन, और आंदोलन नही करता है। भारत में बहुत से मुसलमान पाकिस्तान जिंदाबाद बोलते हैं, कभी-कभी अपने घरो पर पाकिस्तान का झंडा लगा लेते हैं तथा भारत पाकिस्तान के बीच खेलों में जब भारत की हार और पाकिस्तान की जीत होती है तो पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाते हैं।
पाकिस्तान ने भारत पर चार बार हमला किया है और भारत ने चारो युद्धो में पाकिस्तान को हराया है। पाकिस्तान द्वारा भारत पर हमले पर भारत का मुसलमान पाकिस्तान के विरूद्ध कभी भी धरना, प्रदर्शन और आंदोलन नही किया। वर्ष 1999 में भारत पाकिस्तान के कारगिल युद्ध में पूरे विश्व में इजराइल एक ऐसा देश था जो भारत के साथ खड़ा था और भारत की मदद किया था।
पाकिस्तान ने काश्मीर के एक हिस्से पर अवैध कब्जा किया है, लेकिन भारत के मुसलमान को यह दिखता नही है।
जब काश्मीर में मुसलमानों ने इस्लाम के नाम पर काश्मीरी हिन्दू पंडितों का नरसंहार किया, हिन्दू महिलाओं के साथ बलात्कार किया, हिन्दू मंदिरों को ध्वस्त किया, हिन्दूओं की सम्पत्तियों को लूटा, हिन्दूओं के घरो में आग लगा दिया और हिन्दूओं को अपनी सारी सम्पत्तियों को छोड़कर काश्मीर से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा तो भारत सहित दुनिया के किसी भी मुसलमान ने काश्मीर के मुस्लमानों के कुकृत्यों और हैवानियत के विरोध में आवाज नही उठाया।
पूरी दुनियां इस्लामिक आतंकवाद बाद से पीड़ित है। भारत में मुसलमान जहां बहुसंख्यक है वहां से हिन्दूओं को मुसलमानों के आंतक और दहशत के कारण पलायन करना पड़ता है। भारत में जहां मुस्लिम आबादी अधिक है वहां हर जुमे के दिन अर्थात शुक्रवार को हिन्दू दहशत में रहता है। भारत में जहां मुस्लिम आबादी अधिक है वहां हिन्दूओं के धार्मिक कार्यक्रमों पर मुसलमानों द्वारा हमले किए जाते हैं। भारत में रहने वाला मुसलमान भारत के खिलाफ ही इस्लामिक साजिश करता है।
___राजेश मिश्रा_
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