विश्व में समस्या केवल मुसलमानों को ही क्यों?

दुनिया में 85% शरणार्थी मुसलमान है। दुनिया में 57 इस्लामिक देश है, लेकिन मुस्लिम शरणार्थियों को कोई इस्लामिक देश शरण नही देता है। 

अधिकांश मुसलमान मुस्लिम देशो से ही भाग कर शरणार्थी बने है। अधिकांश शरणार्थी इस्लाम के नाम पर होने वाले हिंसा और जातीय संघर्ष का शिकार हैं। इस्लामिक देशो में मुसलमान इस्लाम के नाम पर और मुस्लिम जाति के नाम पर आपस में ही हिंसा करते है। दुनिया के जिन देशो में मुस्लिमों की संख्या अधिक हो गयी है वहां मुसलमान इस्लाम के नाम पर दूसरे धर्म और सम्प्रदाय के लोगों के साथ हिंसा कर रहे है और जिस देश में शरणार्थी मुसलमान शरण लिए अब उसी देश के लिए समस्या बन गये है और वहां के लोगों से इस्लाम के नाम पर लड़ रहे है।

मुसलमानों की सभी समस्या उसका मजहवी ढांचा है। इस मजहवी ढांचे में इस मजहब पर तर्क और प्रश्न को मजहब के विरुद्ध माना जाता है। इस मजहब में कई मान्यताये है, जिसमें आपस में ही टकराव होता है। यह मजहब किसी अन्य धर्म, पंत, मत, विचार और संस्कृति को मान्यता नही देता है, और दुसरे को काफिर कहता है तथा उसकी हत्या की बात करता है, इस कारण समाज में टकराव होता है। यह मजहब इस्लामिक शासन और इस्लामिक सरिया कानून की बात करता है, यह महिलाओं और दुसरे समाज के लोगों को समानता का अधिकार नही देता है। यह मजहवी ढांचा संकिर्ण, उन्मादी, अराजकतावादी और हिंसात्मक संस्कृति को जन्म देता है। 

   ___राजेश मिश्रा_

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