इजराइल पर हमास के मुस्लिम आतंकवादी हमले को कौम और मजहब के नाम पर मुसलमानों का समर्थन एक खतरनाक मानसिकता का परिचायक_
इजराइल में फिलिस्तीनी संगठन हमास के मुस्लिम आतंकवादियों ने घुसकर इस्लाम के नाम पर हमला करके निर्ममता से जनसंहार किया गया। हमास द्वारा इजराइल के निर्दोष महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, और विमार लोगों की बर्बरता से हत्या की गई, इसमें लोगों को बमो से उड़ा दिया गया, लोगों का सर कांट दिया गया, लोगो को जिन्दा जला दिया गया, छोटे मासूम बच्चों का गला काट दिया गया, छोटे मासूम बच्चों को जिंदा आग में भून दिया गया। हमास के द्वारा जराइल में घरों में आग लगा दिया गया, महिलाओं और मासूम बच्चियों को नंगा करके दरिंदगी की गई और बलात्कार किया गया, नंगा करके मार कर सड़कों पर घुमाया गया, ये सब उनके पिता, भाई, पति और अन्य रिश्तेदारों के सामने ही किया गया, महिलाओं और मासूम बच्चियों का बलात्कार करने के बाद जिंदा जला दिया गया। हमास द्वारा हैवानियत तथा क्रुरता की सारी सीमाएं तोड़ दिया गया और दहशतगर्दी के साथ अल्लाह हू अकबर का नारा लगाया गया। हमास के आतंकवादियों द्वारा एक ही गांव के 40 मासूम बच्चों की हत्या कर दी गई। हमास के आतंकवादी हमले में इजराइल के 1300 से ज्यादा लोगों की हत्या हुई। 3000 से अधिक लोग घायल हुए और 150 से अधिक लोगों को हमास द्वारा बंधक बनाया गया इसमें छोटे मासूम बच्चे भी है। हमास के आतंकवादी हमले में कई दुसरे देशों के बहुत से नागरिको की मौत हुई है, बहुत से नागरिक घायल है और बहुत से नागरिक लापता हैं।
हमास ने अपने कुकृत्यो से मानवता को शर्मसार किया है। इजराइल ने भी हमास के आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए युद्ध का ऐलान किया है और हमास पर हमला किया है। इसमें मुस्लिम देश इरान खुल कर हमास का साथ दे रहा है और हमास को आर्थिक मजबूती और सैन्य हथियार उपलब्ध करा है। मुस्लिम देश लेबनान के संगठन हिज्बुलाह के मुस्लिम आतंकवादी भी इजराइल पर हमला कर रहे। मुस्लिम देश सिरिया, जार्डन और मिस्र भी इस युद्ध में खुल कर हमास का साथ दे रहे। कौम और मजहब के नाम पर कई दुसरे मुस्लिम देश हमास का साथ दे रहे है।
पुरी दुनियां का सभ्य समाज हमास के मुस्लिम आतंकवादियों के द्वारा की गई निशंह हत्या, दरिंदगी, हैवानियत, क्रुरता और दहशतगर्दी का निंदा कर रहा है। लेकिन कौम और मजहब के नाम पर भारत सहित दुसरे देशों का मुसलमान हमास के आतंकवादियों का समर्थन कर रहा है। हमास के समर्थन में भारत सहित दुसरे देशों के मुसलमान सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे है। जुमे के दिन अर्थात शुक्रवार को नमाज में भारत के मुसलमानों ने हमास के जीत की दुआ किया। मुसलमानो द्वारा आंतकवाद का समर्थन करना एक खतरनाक मानसिकता का परिचायक है। मुसलमान इस तरह पहले भी करता आया है और हमेशा करता है।
पुरी दुनियां इस्लामिक आतंकवाद से पीड़ित हैं, और कहा जाता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है। इस्लाम के नाम पर मुसलमानों द्वारा हिंसा, हत्या, मारपीट, बलात्कार, लूटपाट और दहशतगर्दी की जाती है और कहां जाता है कि इस्लाम शांति, मुहब्बत और भाईचारे का संदेश देता है। लेकिन ऐसा नही लगता है, आतंकवाद का कोई धर्म भले ही न होता हो लेकिन आतंकबाद का मजहब जरूर होता है और वो इस्लाम है। ये इस्लाम आतंक, नफरत और दहशत का संदेश देता है।
___राजेश मिश्रा_
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