सनातन हिन्दू धर्म के अनुसार ब्रह्मांड में जीवन
सनातन हिन्दू धर्म के अनुसार व्रह्माण्ड में अनेक विभिन्न प्रकार के लोक है, और ग्रह व उपग्रह है। इन सब पर जीवन है। इन सबकी अपनी दुनिया है। इन सभी का नाम उसके स्वामी के नाम पर ही है। इनके संरचना के अनुरूप ही वहां का जीवन एवं शरीर भी होता है। जिस प्रकार पृथ्वी पर पंचभौतिक पार्थिव शरीर होता है, वैसे ही अन्य लोकों में, ग्रहो व उपग्रहों पर उनसे सम्बन्धी तत्व से युक्त शरीर होते हैं, जिन्हें सामान्य दृष्टि से देखना संभव नहीं है। इसे देखने के लिए अपने शरीर और दृष्टि के माध्यम के सघनता को कम करना होता है। यह सघनता जितना न्यूनतम होगा स्पष्टता उतना ही ज्यादा होगी। यदि यह सघनता समाप्त हो जाता है तो सब कुछ स्पष्ट दिखाई देता है। यह अध्यात्मिक तप और योग से सम्भव है। इसी के बल पर हमारे सनातन हिन्दू ऋषि अनेक लोकों, ग्रहो व उपग्रहों की यात्रा करते थे और यहां के प्राणियों से सम्पर्क बनाते थे। हमारा सनातन हिन्दू वेद और शास्त्र अध्यात्म विज्ञान है। हमें इस पर गर्व है। जरुरत इसमें अध्ययन और खोज की है।
___राजेश मिश्रा_
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