क्या है समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव की सरकार और काग्रेंस की सरकार का मुसलमानों के वोट के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति और हिंदू विरोधी तथा देश विरोधी अपकर्म?
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समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव की सरकार और काग्रेंस की सरकार का मुसलमानों के वोट के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति और हिंदू विरोधी तथा देश विरोधी अपकर्म
वर्ष 1993 में समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव की सरकार ने मुसलमानों के कहने पर मुसलमानों के वोट के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए मौखिक आदेश से वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के ज्ञानवापी में व्यास जी के गुफा/तहखाने में सैकड़ों वर्षों से की जा रही पूजा-पाठ और हिन्दूओं को देव दर्शन करने से रोक दिया गया तथा इस स्थान की बैरिकेडिंग कर दी गयी। तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के इस हिंदू विरोधी फैसले से काशी विश्वनाथ मंदिर के ज्ञानवापी में व्यास जी के गुफा/तहखाने पर मुसलमानों का कब्जा हो गया। इस मुलायम सिंह यादव के सरकार ने मथुरा में कृष्ण जन्म भूमि मंदिर के पिछे के हिस्से में भी ताला लगवा दिया था, जो कि भारतीय जनता पार्टी के सरकार द्वारा खोलवा दिया गया है। इसी समाजवादी पार्टी की मुलायम सिंह यादव की सरकार ने 2 नवम्बर 1990 को अयोध्या में मुसलमानों को खुश करने के लिए और मुसलमानों के वोट के लिए सैकड़ों राम भक्तों को गोलियों से भुनवा दिया था जिससे सैकड़ों राम भक्तों की मौत हो गयी और अयोध्या की धरती तथा सरयू का जल लाल रक्तरंजित हो गया। कांग्रेस और इसके साथियों द्वारा राम जन्मभूमि मंदिर के प्रकरण को लटकाने-अटकाने के बावजूद भी अयोध्या में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से राम जन्मभूमि मंदिर बन गया है।
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के ज्ञानवापी में व्यास जी के गुफा/तहखाने में वाराणसी जिला न्यायालय के 31 जनवरी 2024 के फैसले से पूजा-पाठ शुरू हो गया है। इस पर मुस्लिम उलेमा, मौलाना, मुल्ला और मुस्लिम नेता न्यायालय के फैसले को मुस्लिम विरोधी बता रहे हैं और हिन्दूओं को भविष्य की धमकी दे रहे हैं। मुसलमानों के वोट के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश यादव और अन्य दुसरे तमाम नेता भी गलत बयानबाजी करके मुसलमानों को बरगला रहे है और भड़का रहे है।
मुसलमान पूजा स्थल अधिनियम 1991 की बात करते हैं। इस कानून के अनुसार 15 अगस्त 1947 के पहले किसी भी धर्म के पूजा स्थल का जो स्वरूप था वह सदैव यथा स्थिति रहेगा। उसे कभी बदला नही जा सकता है। भले ही किसी धर्म या मजहब द्वारा दुसरे धर्म या मजहब के पूजा स्थल को तोड़कर उसका स्वरूप बदला गया हो और कब्जा किया गया हो। लेकिन काशी विश्वनाथ मंदिर के ज्ञानवापी में व्यास जी के गुफा/तहखाने में वर्ष 1993 में सैकड़ों वर्षों से लगातार किया जा रहा पूजा-पाठ और हिन्दूओं द्वारा देव दर्शन उस समय भी किया जा रहा था। तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के मौखिक आदेश से इसे बंद करा दिया गया तथा इसकी बैरिकेडिंग कर दी गयी और इस पर मुसलमानों का कब्जा हो गया जो कि पूजा स्थल अधिनियम 1991 का उलंघन था।
अन्याय तो हमेशा हिन्दूओं के साथ हुआ है। इतिहास गवाह है कि मुस्लिम आक्रान्ताओं द्वार हिन्दूओं पर दिल दहलाने वाले जुल्म किये गये है। भारत का मुसलमान हिन्दूओं पर जुल्म करने वाले मुसलमानों को अपना आदर्श मानता है।
मुस्लिम आक्रान्ताओं द्वारा भारत में अयोध्या, काशी, मथुरा सहित बहुत से जगहों पर हजारों मंदिरों को तोड़कर मस्जिद और अन्य निर्माण कर दिया गया जो आज भी बरकरार है। इसके बहुत से ऐतिहासिक, पुरातात्विक, तथा वैज्ञानिक साक्ष्य और प्रमाण आज भी मौजूद है। लेकिन मुसलमान किसी भी साक्ष्य और प्रमाण मानने के लिए तैयार नही हैं और मुसलमानों के पास अपने दावे का कोई भी ऐतिहासिक, पुरातात्विक तथा वैज्ञानिक साक्ष्य और प्रमाण नही है। मुसलमान केवल जबरदस्ती की बात करते हैं। न्यायालय का फैसला मुसलमानों के पक्ष में न होने पर मुसलमान उसे न मानने की बात करते है।
प्रत्येक प्रकरण में मुसलमान केवल पूजा स्थल अधिनियम 1991 की बात करता है। कांग्रेस की सरकार द्वारा वर्ष 1991 में बनाये गये कानून पूजा स्थल अधिनियम 1991 हिन्दूओं के उन धर्मस्थलों को मुसलमानों को हड़पने का अधिकार देता है जिसे मुस्लिम आक्रान्ताओं ने तोड़ कर मस्जिद और अन्य निर्माण कर दिया गया।
भारत का बंटवारा धर्म के आधार पर करके मुसलमानों के लिए एक अलग इस्लामिक राष्ट पाकिस्तान बनाये जाने के बाद भी कांग्रेस ने भारत में वक्फ बोर्ड का गठन करके उन सम्पत्तियों को मुसलमानों को देने का काम किया जो इस देश की जनता और भारत सरकार का होना चाहिए। कांग्रेस की सरकार ने वक्फ बोर्ड को इतना असिमित अधिकार दिया है कि वक्फ वोर्ड लैंड जेहाद करता है और हिन्दूओं की सम्पत्ति पर कब्जा कर रहा है। भारत के संविधान के प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़ने वाली कांग्रेस की सरकार द्वारा मुसलमानों के लिए मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड बनाकर भारत के संविधान के अतिरिक्त मुसलमानों के लिए अलग मजहवी शरिया कानून की बात की गयी है।
___राजेश मिश्रा_
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